#हरदोई:- संडीला- संडीला तहसील क्षेत्र में पशुचर और ग्राम समाज की जमीनों पर कब्ज़ों का सिलसिला जारी जिमेदार मौन#
#हरदोई:- संडीला- संडीला तहसील क्षेत्र में पशुचर और ग्राम समाज की जमीनों पर कब्ज़ों का सिलसिला जारी जिमेदार मौन#
#हरदोई: संडीला- तहसील के अंतर्गत प्रशासन की उपेक्षा का लाभ उठाकर भूमाफिया अब तक सैकड़ों बीघा पशुचर तथा ग्राम समाज की कीमती जमीनों पर कब्जा कर चुके हैं और यह क्रम लगातार जारी है। पशुचर और ग्राम समाज की जमीनों पर कब्जों का सिलसिला नगर से सटे विशेषकर दो गांवों में हो रहा है। पंजाबी खेड़ा जो कि नगर के चक्कररोड से जुड़ा हुआ है और नगर की सीमा भी इससे मिलती है। इसकी विशेष रूप से ककराली रोड के दोनो तरफ़ की लगभग 200 बीघा पशुचर और ग्राम समाज की जमीनों पर लेखपाल और ग्राम प्रधान ने सांठ गांठ करके कब्ज़े करा दिए। लोगों ने ग्राम समाज और पशुचर जमीनों को जोतकर उन्हें खेतों में परिवर्तित कर दिया है। इसके अलावा कम से कम 10 बीघा भूमि पर खनन माफ़िया ने खुदाई करके यहां से हजारों ट्रॉली मिट्टी ले जाकर बेची,लेकिन राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी तमाम शिकायतें मिलने के बाद भी संभवतः राजनीतिक दबाव के कारण पूरी तौर पर मौन हैं।यही हाल ग्राम सभा आलमपुर के मजरे सेमराखेड़ा का है। सड़क के पूरब स्थित लगभग 50 बीघा पशुचर भूमि पर पहुंच,जुगाड़ तथा लेखपाल और ग्राम प्रधान की मिली भगत से अब तक कब्ज़ा हो चुका है। कई पशुचर भूखण्डों को खेतों में परिवर्तित कर दिया है और यह सिलसिला लगातार जारी है। कुछ समय पूर्व ही सेमराखेड़ा की कच्ची रोड के दाएं और बाएं लगभग 20-20 बीघा भूमि कब्जा की गयी है जिसमें बाई ओर की भूमि पर बाकाएदा ट्रैक्टर चलाकर जुताई की जा चुकी है जबकि दाएं ओर की पशुचर भूमि पर जुताई की तैयारी है। यहां भी मिट्टी खनन माफ़िया ने अपना कहर बर पाया है और अब तक सैकड़ों ट्रॉली मिट्टी का अवैध खनन किया गया है। सरकारी पशुचर भूमि पर कब्ज़ा हटाने का एक गंभीर प्रयास एस.डी.एम संजीव कुमार के कार्यकाल में हुआ था। जब उन्होंनें कड़ी कार्रवाई करते हुए इसी सेमराखेड़ा में धान की खड़ी फ्सल को जुतवा कर उसे कब्जे से मुक्त कराया था। इसके बाद फ्रि किसी अधिकारी इस ओर देखने की जहमत नहीं की। बार बार यह मुद्दा अधिकारियों के संज्ञान में सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों द्वारा उठाया जाता रहा लेकिन उनकी आवाज़ न कार खाने में तूती की आवाज़ साबित हुई। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अब उनके द्वारा इस प्रकरण को अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ। अब वे उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं। पशुचर और ग्राम समाज भूमि पर खेत बन जाने से जंगली पशुओं के लिए चारे की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है। यही कारण है कि यह जानवर खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। किसानों ने प्रतिबंध के बावजूद भयानक कटीले तार लगा रखे हैं जिससे रोजाना निरिह पशुओं को गंभीर घाव खाकर अपनी जान गवांनी पड़ती है#
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