#हरदोई:- ज्ञान, भक्ति, वैराग्य रूपी पंचवटी को हृदय में बसाओ, सूर्पनखा वैसे भी खत्म हो जाएगी/ कथा वाचक पंडित शिवानंद जी महाराज#
#हरदोई: जब जब किसी को कोई क्रूर कर्म करना हुआ, उसने ब्राह्मण का वेश धारण किया#
#हरदोई: ब्राह्मण नाम है एक भरोसे, विश्वास, सत्य, धर्म, तप, शील संयम का, उसके नाम का फायदा उठाना बहुत आसान#
#हरदोई: जब जब किसी को कोई क्रूर कर्म करना हुआ उसने ब्राह्मण का वेश धारण किया। क्यों? क्यों कि ब्राह्मण नाम है एक भरोसे, विश्वास, सत्य, धर्म, त्याग, तप, शील और संयम का है। इसलिए उसके नाम का फायदा उठाना बहुत आसान था, उसके वेश से, उसके नाम से लोगों को मूर्ख बनाना आसान था। उसके नाम से लोगों को ठगना आसान था। रावण को सीता का हरण करना था उसने वेष बनाया ब्राह्मण का। कालनेमी को हनुमानजी को उनसे मार्ग से भटकाना हुआ ,उसने वेष बनाया ब्राह्मण का। कर्ण को परशुराम जी से धनुर्वेद का ज्ञान लेना हुआ, वेश बनाया ब्राह्मण का। विश्वामित्र को राजा हरिश्चंद्र को छलना को हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। अश्विनी कुमारों को च्यवन ऋषि की पत्नी सत्यवती की परीक्षा लेना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। अपने अज्ञातवास के दौरान पांडव सहित कुंती तथा द्रौपदी ने कई बार ब्राह्मण का वेश धारण किया#
#आज भी यही हो रहा है। अपने धर्म की रक्षा करो, सनातनियों आज हर एक को एक जुट रहने का समय है।" उक्त उद्गार नगर के आरआर इंटर कॉलेज में आयोजित 11 दिवसीय श्रीराम कथा एवं पर्यावरण यज्ञ महोत्सव के दशवें दिन वृंदावन धाम से पधारे प्रख्यात कथा व्यास शिवानंद भाई जी महाराज ने अखिल भारतीय श्री राम नाम जागरण मंच के संस्थापक निर्मल शास्त्री के संयोजन एवं श्री राम परिवार मित्र मंडली के आयोजकत्व में व्यक्त किए#
#कथा व्यास ने श्रीराम कथा के विविध प्रसंगों की अत्यंत मार्मिक प्रस्तुति से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। दशम दिवस की कथा में शिवानंद महाराज ने शूर्पणखा, सीता हरण, जटायु संघर्ष जैसे प्रसंगों का अत्यंत भावपूर्ण वर्णन किया। कथा प्रारंभ करते हुए उन्होंने उपस्थित राम कथा प्रेमियों का अभिवादन स्वीकार करते हुए कहा “रघुकुल सरकार की कृपा सब पर बनी रहे#
#कथा के दौरान महाराज जी ने बताया कि कैसे मायावी रूप में विवाह प्रस्ताव लेकर आई शूर्पणखा को भगवान राम ने अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा, “जब कोई भगवान के हो जाता है तो संसार की कोई माया उसका अहित नहीं कर सकती।” उन्होंने कहा कि रावण जैसा महान धनवान भी अपनी बहन का प्रस्ताव लेकर श्रीराम के पास आया, किंतु प्रभु ने उसे नज़र तक नहीं डाली। आज के युग में यह व्यवहार दुर्लभ है#
#शिवानंद जी ने शबरी प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि रामायण में तीन महिलाओं ने भगवान को पाना चाहा– सती, शूर्पणखा और शबरी। सती ने परीक्षा से, शूर्पणखा ने समीक्षात्मक दृष्टिकोण से, जबकि शबरी ने प्रतीक्षा से प्रभु को पाया। उन्होंने कहा, “भगवान परीक्षा या समीक्षा से नहीं, प्रतीक्षा से मिलते हैं#
#भावपूर्ण भजन और रामकथा के विविध प्रसंग#
#महाराज जी ने भजन “बोल ओ कागा, मेरे राम कब आएंगे” प्रस्तुत कर पंडाल को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। उन्होंने श्रीराम के विविध चरित्रों और प्रसंगों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिससे पंडाल में मौजूद श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूमते रहे#
#प्रातः कालीन बेला में अखिल भारतीय श्री राम नाम जागरण संस्थापक निर्मल शास्त्री के सानिध्य में पर्यावरण सुरक्षा हेतु प्रतिदिन की भांति किया गया जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने उपस्थित रहकर आहुतियां डाली। आज का अन्न क्षेत्र का भंडारा सवायजपुर विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू नरेंद्र और उत्तर प्रदेश ब्लाक प्रमुख संघ के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप सिंह सेनानी के सौजन्य से हुआ#
#कथा में हरदोई श्रीराम कथा मित्र मंडली के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे#
#कथा में राम मित्र परिवार मंडली के आशीष गुप्ता, मनोज मिश्रा, राघवेंद्र शर्मा, अपूर्व माहेश्वरी, हिमांशु गुप्ता, हिमांशु गुप्ता पेशकार, का अपूर्व सहयोग रहा#
#आरती में मुख्य रूप से गौ सेवा पमुख भाई अशोक सिंह आजाद, आर आर इंटरकालेज की प्रबंधिका श्रीमती कीर्ति सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्र, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, शाहाबाद ब्लॉक प्रमुख त्रिपुरेश मिश्र, सुधा वाचस्पति, जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा भाजपा अलका गुप्ता, मधुबाला गुप्ता आदि उपस्थित रहे#
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